प्रवेश के नियम
1. महाविद्यालय में प्रवेश पाने के इच्छुक प्रत्याशी को निर्धारित आवेदन पत्र भरकर देना होगा। आवेदन पत्र छात्र एवं पालक के हस्ताक्षर से जमा करना अनिवार्य है।
2. आवेदन पत्र के साथ निम्नलिखित प्रमाण पत्र संलग्न करना अनिवार्य है।
(1) स्थानांतरण प्रमाण पत्र
(2) अंकसूची (अंतिम परीक्षा दो प्रतियां)में स्वयं द्वारा अभिप्रमाणित सत्य प्रतिलिपि/ फोटो स्टेट कापी।
(3) चरित्र प्रमाण पत्र नियमित छात्रों को पूर्व के प्राचार्य के द्वारा हस्ताक्षरित चरित्र प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। स्वाध्यायी छात्रों के लिए किन्हीं दो उत्तरदायी नागरिकों से चरित्र प्रमाण-पत्र संलग्न करना होगा। चरित्र प्रमाण-पत्र की मूल प्रति ही संलग्न करें।
(4) प्रवजन प्रमाण पत्र की मूल प्रति गुरू घासीदास विश्वविद्यालय,बिलासपुर परिसीमा के बाहर से आये छात्रों के लिए।
(5) अंतिम परीक्षा के प्रमाण पत्र की मूल प्रति आवश्यकता पड़ने पर महाविद्यालय कार्यालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
(6) पासपोर्ट आकार के दो फोटो।
(7) जाति प्रमाण पत्र केवल अनु.जाति, अनु.जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए किसी राजस्व अधिकारी या तहसीलदार द्वारा प्रदत्त।
(8) जन्म तिथि प्रमाण पत्र इसके लिए उच्चतर माध्यमिक परीक्षा के प्रमाण पत्र पर अंकित तिथि मान्य होगी ।

नोट: 1. अनुत्तारिर्ण, पूरक तथा विश्वविद्यालयीन परीक्षा मे नकल करते पकडे़ गये छात्रा ंे को महाविद्यालय मे प्रवेश नहीं दिया जायेगा।
2. अपूर्ण, असत्य एवं भ्रामक जानकारी के आधार पर प्राप्त प्रवेश सूचना प्राप्त होते ही निरस्त कर दिया जायेगा एवं उसका दायित्व छात्र का होगा, ऐसी स्थिति में उसके द्वारा जमा की गई राशि वापस नहीं की जायेगी।
3. उपर्युक्त प्रमाण पत्र के अभाव में प्रवेश रद्द हो जायेगा।
4. छात्र का आचरण अर्हता आदि से संबंधित आपत्ति होने पर प्राचार्य ऐसे प्रत्याशियों को महाविद्यालय में प्रवेश के लिए अपात्र घोषित कर सकते हैं।
5. महाविद्यालय के शुल्क एवं आवश्यक प्रपत्र प्रस्तुत करने पर ही छात्र का प्रवेश स्थाई समझा जायेगा। महाविद्यालय को यह अधिकार होगा कि बिना कारण बताये प्रवेश से वंचित कर दे या प्रवेश ही रद्द कर दे।
6. जिस छात्र का प्रवेश स्वीकार हो जायेगा उसे एक प्रवेश पत्र/परिचय पत्र कार्यालय से दिया जायेगा। इन दोनों को वर्ष भर सुरक्षित रखना चाहिए।
7. आवेदन पत्र में छात्र का नाम सही होना चाहिये जो उच्चतर माध्यमिक शाला परीक्षा प्रमाण पत्र या अंकसूची में अंकित हो। नाम परिवर्तन के इच्छुक छात्र /छात्रा को पांच रूपये के नान ज्युडिशियल स्टाम्प में प्रथम श्रेणी न्यायाधीश की अदालत में शपथ पत्र देकर नत्थी करना होगा।
8. छात्र द्वारा आवेदन पत्र में दर्शाये स्थायी एवं वर्तमान पते में यदि किसी प्रकार का परिवर्तन होता है, तो उसकी सूचना प्राचार्य को तत्काल देना अनिवार्य है।
9. छत्तीसगढ़ षासन उच्च षिक्षा विभाग से प्राप्त प्रवेष नियमों का पालन किया जावेगा ।

आचरण – संहिता एवं सामान्य नियम
छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालय में विद्यार्थियों के लिये आचरण – संहिता सामान्य नियम
छत्तीसगढ़ के शासकीय महाविद्यालय में प्रेवश  लेने वाले विद्यार्थियों को महाविद्यालय के नियमों का
अक्षरशः  पालन करना होगा । इनका पालन न करने पर वे शासन द्वारा निर्धारित दण्डात्मक कार्यवाही के
भागीदार होंगे ।

1. विद्यार्थी शालीन वेश-भूषा में महाविद्यालय में आयेंगे । किसी भी स्थिति में उनकी वेश भूशा उत्तेजक नहीं
होनी चाहिये ।
2. प्रत्येक विद्यार्थी अपना पूर्ण ध्यान अध्ययन में लगायंेगा, साथ ही महाविद्यालय द्वारा आयोजित पाठ्येत्तर
गतिविधियों को भी पूरा सहयोग प्रदान करेंगे ।
3. महाविद्यालय परिसर में वे शालीन व्यवहार करेंगे, अभद्र व्यहवार, असंसदीय भाषा का प्रयोग वाली
गाली-गलौच, मारपीट या आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग नहीं करेंगे ।
4. प्रत्येक विद्यार्थी अपने शिक्षको , अधिकारियों एवं कर्मचारियों से नम्रता एवं भद्रता का व्यवहार करेगा।
5. महाविद्यालय परिसर को स्वस्छ बनाये रखना प्रत्येक विद्यार्थी का नैतिक कर्तव्य है, वह सरल निव्र्यसन
और मितव्ययी जीवन निर्वाह करेंगे ।
6. महाविद्यालय की सीमाओं में किसी भी प्रकार के मादक पदार्थो का सेवन सर्वथा वर्जित है ।
7. महाविद्यालय में इधर-उधर थूकना, दीवालों को गंदा करना या गंदी बातें लिखना सख्त मना है।
विद्यार्थी असामाजिक तथा आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त पाये जाने पर कठोर कार्यवाही की जायेगी।
8. विद्यार्थी अपनी मांगो का प्रदर्श न आंदोलन हिंसा या आतंक फैलाकर नहीं करेगा । विद्यार्थी अपने आप को
दलगत राजनीति से दूर करेंगे तथा अपनी मांगों को मनवाने के लिये राजनीतिक दलों, कार्यकर्ताओं
अथवा समाचार पत्रों का सहारा नहीं लेंगे ।
9. महाविद्यालय परिसर में मोबाईल का उपयोग पूर्ण प्रतिबंधित रहेगा ।
अध्ययन संबंधी नियम:
1. प्रत्येक विशय में विद्यार्थी की 75 प्रतिश त उपस्थिति अनिवार्य होगी तथा यह एन.सी.सी./एन.एस.एस. में
भी लागू होगी अन्यथा उन्हें वार्शिक परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं होगी ।
2. विद्यार्थी प्रयोगशाला में उपकरणों का उपयोग सावधानी पूर्वक करेंगे । उनकों स्वच्छ रखेंगे ।
3. ग्रंथालय द्वारा स्थापित नियमों का पूर्णतः पालन करेंगे , उन्हें निर्धारित संख्या में सही पुस्तकें, प्राप्त
होगी तथा समय से नहीं लौटने पर निर्धारित दण्ड देना होगा ।
4. अध्ययन से सम्बन्धित किसी भी कठिनाई के समाधान लिये वह गुरूजनों के समक्श  अथवा प्राचार्य के
समक्श  शातिपूर्वक ढंग से अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे ।
5. व्याख्यान कक्षों , प्रयोगशालाओं या वाचनालय में पंखे, लाईट, फर्नीचर, इलेक्ट्रिक फिटिंग आदि का
तोड़फोड़ करना दण्डात्मक आचरण माना जायेगा ।

महाविद्यालय प्रशासन का अधिकार क्षेत्र –
1. यदि छात्र अनैतिकता मूलक या गंभीर अपराध में अभियुक्त पाया गया तो उसका प्रवेष तत्काल निरस्त
कर दिया जायेगा ।
2. यदि छात्र रैगिंग में लिप्त पाया गया तो छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्थानों में प्रताड़ना प्रतिषेध अधिनियम ,
2001 के अनुसार रैगिंग किये जाने पर अथवा रैगिंग के लिये प्रेरित करने पर पाॅंच साल तक कारावास
की सजा या पाॅंच हजार रूपये जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है ।
3. यदि विद्यार्थी समय-सीमा में शुल्क का भुगतान नहीं करते तो उनका नाम काट दिया जायेगा ।
4. यदि विद्यार्थी प्रार्थना पत्र अथवा आवेदन में तथ्यों को छिपायेगा अथवा गलत प्रस्तुत करेगा तो उसका
प्रवेष निरस्त कर उन्हें महाविद्यालय से पृथक कर दिया जायेगा ।
5. महाविद्यालय में प्रवेष लेने हेतु विद्यार्थी द्वारा प्रस्तुत किये गये आवेदन पत्र में उनके पालक अभिभावक
का घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य है ।

अध्ययन/परीक्षा संबंधी नियम:
अध्ययन संबंधी नियम:
1. प्रत्येक विषय में विद्यार्थी की 75प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य होगी तथा यह एन.सी.सी./एन.एस.एस. में
भी लागू होगी अन्यथा उन्हें वार्शिक परीक्षा में बैठने की पात्रता नहीं होगी ।
2. विद्यार्थी प्रयोगशाला में उपकरणों का उपयोग सावधानी पूर्वक करेंगे । उनकों स्वच्छ रखेंगे ।
3. ग्रंथालय द्वारा स्थापित नियमों का पूर्णतः पालन करेंगे , उन्हें निर्धारित संख्या में सही पुस्तकें, प्राप्त
होगी तथा समय से नहीं लौटने पर निर्धारित दण्ड देना होगा ।
4. अध्ययन से सम्बन्धित किसी भी कठिनाई के समाधान लिये वह गुरूजनों के समक्ष अथवा प्राचार्य के
समक्ष शांतिपूर्वक ढंग से अभ्यावेदन प्रस्तुत करेंगे ।
5. व्याख्यान कक्षों, प्रयोगशालाओं या वाचनालय में पंखे, लाईट, फर्नीचर, इलेक्ट्रिक फिटिंग आदि का
तोड़फोड़ करना दण्डात्मक आचरण माना जायेगा । 

परीक्षा सम्बंधी नियम:
1. विद्यार्थी को सत्र के दौरान होने वाली सभी इकाई परीक्षाओं, त्रैमासिक तथा अर्द्धवार्शिक परीक्षाओं में
सम्मिलित होना अनिवार्य है ।
2. अस्वस्थतावश आंतरिक परीक्षाओं में सम्मिलित न होने की स्थिति में विद्यार्थी शासकीय चिकित्सक से
मेडिकल सर्टिफिकेट प्रस्तुत करेंगे तथा स्वस्थ होने के उपरांत परीक्षा देंगे ।
3. परीक्षा में या उसके सम्बंध में किसी प्रकार के अनुचित लाभ होने या अनुचित साधनों का प्रयोग करने
का प्रयत्न गंभीर दुराचरण माना जायेगा । जिस पर नियमानुसार कार्यवाही की जावेगी ।